जमीन की रजिस्ट्री के लिए जरूरी दस्तावेज़ों की नई लिस्ट जारी Land Registry Documents

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Land Registry Documents: भारत में जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बना दी गई है। केंद्र सरकार ने रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेजों की नई सूची जारी की है, जिसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, खसरा-खतौनी और भू-नक्शा जैसे कागजात अनिवार्य कर दिए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य फर्जीवाड़े पर रोक लगाना और खरीदार-विक्रेता दोनों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करना है।

अब और सख्त हुए जमीन रजिस्ट्री के नियम

सरकार ने हाल ही में भूमि रजिस्ट्री से जुड़े नियमों को और कड़ा किया है ताकि कोई भी अवैध लेन-देन या दोहरी बिक्री न हो सके। अब जमीन की रजिस्ट्री तभी की जा सकेगी जब दोनों पक्ष — खरीदार और विक्रेता — आवश्यक दस्तावेजों सहित व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे। नई प्रणाली में प्रत्येक दस्तावेज की डिजिटल जांच और सत्यापन किया जाएगा, जिससे फर्जी पहचान या टैक्स चोरी जैसी समस्याओं पर नियंत्रण रहेगा।

पैन और आधार कार्ड अनिवार्य

नए नियमों के तहत पैन कार्ड और आधार कार्ड दोनों को रजिस्ट्री के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। पैन कार्ड के माध्यम से सरकार को प्रत्येक संपत्ति लेन-देन का टैक्स रिकॉर्ड प्राप्त होगा, वहीं आधार कार्ड व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण बनेगा। इसके साथ ही, पासपोर्ट साइज फोटो भी जरूरी दस्तावेजों में शामिल किया गया है ताकि पहचान में कोई भ्रम न रहे।

जमीन से जुड़े प्रमाण दस्तावेज भी जरूरी

अब रजिस्ट्री प्रक्रिया में सिर्फ पहचान पत्र ही नहीं, बल्कि राजस्व रिकॉर्ड से संबंधित दस्तावेज भी जरूरी होंगे।

इसमें शामिल हैं – खसरा नंबर, खतौनी, भू-नक्शा, और जमीन का स्वामित्व प्रमाण पत्र।

इन दस्तावेजों से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संपत्ति वास्तव में उसी व्यक्ति की है जो उसे बेच रहा है।

विक्रेता और खरीदार के बीच हुए सेल एग्रीमेंट, पेमेंट रसीद, बैंक स्टेटमेंट, या चेक की कॉपी भी जमा करनी होगी ताकि पूरे लेन-देन में पारदर्शिता बनी रहे।

टैक्स या कर्ज की जानकारी देना भी होगा जरूरी

अगर जमीन पर कोई पुराना बकाया टैक्स, बैंक लोन या कानूनी विवाद है, तो उसकी जानकारी और संबंधित दस्तावेज रजिस्ट्री के समय प्रस्तुत करने होंगे। इसमें नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) और टैक्स रसीद शामिल हैं, जिससे खरीदार को भविष्य में किसी कानूनी या वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।

डिजिटल रजिस्ट्री से खत्म हुआ झंझट

पहले लोगों को तहसील या रजिस्ट्रार कार्यालयों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे। अब यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो चुकी है। ऑनलाइन सिस्टम के तहत नागरिक दस्तावेज अपलोड, चालान भुगतान, अपॉइंटमेंट बुकिंग, और रिकॉर्ड सत्यापन जैसी प्रक्रियाएं घर बैठे पूरी कर सकते हैं। इससे न केवल समय और पैसे की बचत होती है, बल्कि बिचौलियों की भूमिका पर भी पूरी तरह रोक लगी है।

वीडियो कॉल और बायोमेट्रिक पहचान से बढ़ी सुरक्षा

कई राज्यों में अब वीडियो कॉल के माध्यम से जमीन की रजिस्ट्री की सुविधा भी शुरू हो गई है। इस डिजिटल फीचर से रजिस्ट्री प्रक्रिया पारदर्शी बनी है और फर्जी पहचान के मामलों में गिरावट आई है। साथ ही, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि रजिस्ट्री में शामिल व्यक्ति वही हो जो दस्तावेजों में दर्ज है। इससे एक ही जमीन को दोबारा बेचना लगभग असंभव हो गया है।

पारदर्शिता और सुरक्षा में नया अध्याय

इन सभी बदलावों से भारत में भूमि रजिस्ट्री प्रणाली पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित बन गई है। अब खरीदार और विक्रेता दोनों बिना किसी डर या संदेह के लेन-देन कर सकते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में सभी राज्यों में यह प्रणाली एक समान रूप से लागू की जाए, जिससे “One Nation, One Registry” की दिशा में देश आगे बढ़ सके।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment

WhatsApp Group